ब्रह्मांड की उत्पत्ति : बिग बैंग सिद्धांत

 

ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ?

ब्रह्मांड क्या है?

आकाशगंगा

हम और आप तथा अन्य सभी वस्तुए, ग्रह, उपग्रह, सूर्य तथा अन्य तारे व आकशगंगा, ब्लैक होल्स, गैस, धूल, और अन्य  आकाशीय पिंड के समावेश को ब्रह्मांड कहते है।

ब्रह्मांड इतना विशाल है की इसे आखों से देख नही सकते और न ही इसके रहस्यों के बारे मे पूरी तरह से जानकारी प्राप्त कर सके है।

ब्रह्मांड को समझने के लिए : बलवीर सीरियल का उदाहरण ले सकते है”-

आपने बलवीर सीयल मे एक सीन को जरूर देखा होगा जब बलवीर पृथ्वी लोक से पारी लोक मे जाने के लिए जिस रास्ते का प्रयोग करते है उन रास्तों मे एक दृश्य देखाई देता है उस दृश्य मे मुख्यतः  पृथ्वी, आकाशगंगाएँ, ग्रह, तारे, और अन्य खगोलीय पिंडों के बीच एक रहस्य पूर्ण  सफर देखने को मिलता है।

  • यह सीरियल बताता है की जिस तरह से पृथ्वी से पारी लोक के बीच की विशाल दूरिया होती है। ठीक इसी प्रकार ग्रह , तारे , आकाशगंगा , व अन्य खगोलीय पिंडों के बीच दूरिया होती है।
  • और इन्ही के समावेश को ही ब्रह्मांड कहते है।
  • बलवीर सीरियल की कहानी ब्रह्मांड के फैलवा तथा ब्रह्मांड के विशालता के बारे मे भी बताती है।

अब सवाल आता है की इतने विशाल ब्रह्मांड जिसके अंदर अनगिनत तारे, ग्रह आकाशगंगा तथा अन्य खगोलीय पिंड का समावेश है। आखिर इसका निर्माण किस प्रकार से हुआ होगा ?

ब्रह्मांड का निर्माण 

  • ब्रह्मांड का निर्माण किस समय हुआ इसके बारे मे पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त नही हो सकी है लेकिन शोधकर्ताओ व वैज्ञानिकों ने इसके निर्माण तथा रहस्यों के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है।
  • एडवीन हब्बल ने 1920 के दशक मे ब्रह्मांड के बारे मे एक नई दिशा या बात बताए।
  • की ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है अर्थात सभी आकाशगंगाए एक दूसरे से दूर जा रही है।
  • इस खोज ने एक नई दिशा दी की आज भी ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।
  • हब्बल की खोज के बाद वैज्ञानिकों ने यह पाया की अगर आज ब्रह्मांड मे आकाश गंगाए एक दूसरे से दूर जा रही है तो किसी समय मे ये एक साथ एक स्थान पर स्थित रही होंगी। यही से बिग बैंग की शुरुवात होती है –
  • ब्रह्मांड की उत्पत्ति से संबंधित वैज्ञानिक सिद्धांत “बिग बैंग सिद्धांत” सर्वाधिक वैज्ञानिक शोध , अवलोकन का एक मजबूत सिद्धांत है।

ब्रह्मांड की उत्पत्ति : बिग बैंग सिद्धांत

  • बिंग बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक अत्यधिक सघन छोटे परमाणु से हुई माना जाता है।
  • इसका नाम एकाकी परमाणु या सिंगुलैरिटी नाम दिया गया । इस परमाणु मे घनत्व , तापमान , व आयतन अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण इसमे एक महाविस्फोट हुआ यह विस्फोट करीब 13.7 अरब वर्ष पहले हुआ माना जाता है।
  • इस भीषण विस्फोट से ऊर्जा का सर्जन हुआ तथा मिलिसेकेंड के अंदर ऊर्जा से कार्क और ग्लूआन कण बने । इनके जोड़ के बाद प्रोटान और न्यूट्रान का निर्माण हुआ। हालकी ब्रह्मांड मे तापमान अधिक होने के कारण ये कण आपस मे स्थिर रूप से नही जुड़ पाए।
  • भीषण विस्फोट तीन मिनट के कारीब तापमान कम हुआ तथा प्रोटान और न्यूट्रान आपस मे मिलकर हाइड्रोजन और हीलियम के तत्व बनाने  लगे । तथा समय अनुसार इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन और हीलियम से मिलकर परमाणु का निर्माण करने लगे । यह प्रक्रिया लगभग 3 लाख वर्ष के दौरान हुआ ।
  • इसी प्रक्रिया को न्यूक्लियोसिंथेसिस कहते है। इस समय ब्रह्मांड मे 95 प्रतिशत तत्व हाइड्रोजन था। हाइड्रोजन एक सबसे हल्का तत्व है।
  • इसी दौरान कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) की उत्पत्ति हुई, जो ब्रह्मांड के जन्म के बाद का पहला “प्रकाश” था। यह ऊर्जा ब्रह्मांड के निर्माण के दौरण बची हुई है इसका खोज 1965 ईस्वी मे किया गया था । इसके माध्यम से ब्रह्मांड के बारे मे जानकारी प्राप्त की गई ।
  • गैस और पदार्थ का निर्माण
  • बिग बैंग या विस्फोट के कुछ समय बाद, जैसे-जैसे ब्रह्मांड का तापमान गिरा और कण एक-दूसरे के साथ जुड़ने लगे, तथा गैस और पदार्थ ठोस रूप मे आने लगे ।  
  • हाइड्रोजन और हीलियम के परमाणु, जैसे-जैसे ठंडे होते गए, वे एक-दूसरे के साथ मिलकर तारे और आकाशगंगाएँ का निर्माण करने लगे ।
    तथा बाद मे यही पदार्थ बाद में पृथ्वी, ग्रह, और अन्य खगोलीय पिंडों का रूप बने ।

 

महत्वपूर्ण शब्दावली

  • क्वार्क – यह के छोटा कण होता है जो न्यूट्रान तथा प्रोटान जैसे कणों के साथ मिलकर अनेक कणों का निर्माण करता है तथा न्यूट्रान तथा प्रोटान के निर्माण मे भी ये कण होते है।

क्लास 12 भूगोल नोट्स 

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