Class 6 Geography Chapter 1 notes सौर्यमंडल मे पृथ्वी

अध्याय 1          सौरमंडल मे पृथ्वी

NCERT पर आधारित

सौर्यमंडल मे पृथ्वी यह अध्याय कल्पनाशील एवं खगोल विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण रोचक जानकारीया देता है। इस अध्याय को समझाने  लिए कुछ उदाहरण दिए गए है, नोट्स बनाते समय आप इन उदाहरणों को आप छोड़ सकते है।

दोस्तों संसार कितना विचित्र है? हम अपने परिवार के छोटे सदस्य होते है, हमारे ही परिवार मे हमसे  बढ़े सदस्य जैसे भैया, चाचा, पिता व दादा जी होते है, इन सब के जन्म मे काफी विभिन्नता होती है,

 

 

  • इसी प्रकार ब्रह्मांड है,
  • ब्रह्मांड के बाद आकशगंगा
  • एवं आकाशगंगा मे तारों का समूह , और साथ ही साथ ग्रह, उपग्रह, व अन्य खगोलीय पिंड ।
  • इन सभी खगोलीय पिंड के समूह को सौर्यमंडल कहते है।
  • ब्रह्मांड जिसे न पूर्ण रूप से देखा जा सकता है और न ही पहुँच व समझा जा सकता है ।
  • हम जिस आकाशगंगा के परिवार है उन्हे मंदाकिनी नाम दिया गया है।

तारे क्या है

सूर्यास्त के बाद आसमान मे छोटे छोटे रूप मे दिखाई देने वाले चमकदार बिन्दु को ही तारा कहा जाता है। ये तारे गैसों के बने होते है इनके पास अपनी ऊष्मा व प्रकाश होता है, इन्ही ऊष्मा व प्रकाश के कारण हम इनसे लाखों करोड़ों किलो मीटर दूर होते हुए भी देख पाते है।

कुछ करके जाने – – –

एक प्रकाश जलाए एवं प्रकाश की ऊष्मा कितनी दूर तक जाती है वो देखे एवं कल्पना करे की तारे की आकृति कितना विशाल एवं कितना प्रकाश होगा जो हमे इतने दूर से भी प्रतीत होती है।

तारों की विशेष जानकारी

  • आसमान मे तारों के द्वारा बनाई गई विविध प्रकार के आकृतियों को नक्षत्रमंडल कहते है।
  • कुछ की आकृतियों को हम सरलता से पहचान कर सकते है,
  • जैसे – सप्त ऋषि नक्षत्रमंडल “ यह नक्षत्रमंडल सात तारों का समूह होता है, प्राचीन काल मे लोग रात्रि मे दिशा का निर्धारण इन तारों की सहायता से करते थे,
  • सप्त ऋषि नक्षत्रमंडल उत्तर दिशा का प्रतीक होता है।

 

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